Monday, May 18, 2009

लोकसभा चुनाव रिजल्ट और फिल्मी गाने

लो साहब लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आ ही गया। सारे ज्योतिषी सारे मीडिया वालों के अनुमान फेल करते हुये कांग्रेस ने अपने आप को ‘‘सुपर पावर‘‘ बना लिया कल तक जो दल कांग्रेस को आंखे दिखा रहे थे वे सारे के सारे याचक की मुद्रा में उसके दरवाजे पर लार टपकाते हुये खडे हैं। जैसे हिन्दी फिल्मों में हर सिचुअशन के लिये फिल्मी गीतकारों ने गाने लिखे हैं वे सारे के सारे गाने इस रिजल्ट के बाद हर दल पर फिट होते हुये दिखाई दे रहे हैं। शायद इन फिल्मी गीतकारों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके द्वारा लिखे गये ये फिल्मी गाने कभी राजनैतिक दलों और नेताओं पर फिट बैठेगे पर आज वो दिन आ ही गया है जब ये गाने इनके लिये सही साबित हो रहे हैं। सबसे पहले कांग्रेस को ही लें अभी तक क्षेत्रीय दलों के बंधन में जकडी कांग्रेस इनके ब्लेकमेल से मुक्त होकर गा रही है ‘‘अब कोई गुलशन न उजडे अब वतन आजाद है‘‘ इधर वाममोर्चा वाले अपने वोटरों के सामने आंसू बहाते हुये गा रहे है ‘‘हम से का भूल हुई जो ये सजा हमको मिली अब तो चारों ही तरफ बंद है सत्ता की गली‘‘ उधर भाजपा वाले कितनी आशा लगाये थे कि वे सबसे बडे दल के रूप में उभर कर सामने आयेगे पर चुनाव के रिजल्ट ने उनको यह गीत गाने के लिये मजबूर कर दिया। ‘‘क्या से क्या हो गया बेवफा तेरे प्यार में चाहा था क्या मिला तेरे प्यार में‘‘ भाजपा के ही पीएम इन वेटिंग अपने आडवानी जी के सामने अब ये ही गीत बचा है कि वे इसे गाये ‘‘तेरी दुनिया से हो के मजबूर चला मैं बहुत दूर बहुत दूर चला‘‘ लालू यादव जो अभी तक राम विलास जी को अपना सब कुछ मानकर कांग्रेस को आंखे तरेर रहे थे अब कांग्रेस के दरवाजे पर खडे होकर गुनगना रहे हैं ‘‘तेरी राहों में खडे है दिल थाम के हाय हम है दीवाने तेरे नाम के‘‘ कभी कभी इस गाने की बजाय ये इस गीत की तान भी वे छेड देतें हैं ‘‘तेरे दर पर आया हूं कुछ करके जाऊँगा झोली भर के जाऊँगा या मर के जाऊँगा ’’ रहा नीतीष कुमार और शरद यादव का तो वे तय नही कर पा रहे है कि वे क्या करें इसलिये दोनो मिलकर कोरस गा रहे है ‘‘मैं इधर जाऊं या उधर जाऊं बडी मुश्किल में हूं कि किधर जाऊं ‘‘ अपनी बहन जी मायावती जिस तीसरे चौथे पांचवे छटवे मोर्चे के साथ मिलकर प्रधानमंत्री बनने का ख्वाव संजो रही थी अब सलमा आगा की आवाज में गा रही हैं ‘‘दिल के अरमां आंसंओ में बह गये हम वफा करके भी तनहा रह गये‘‘ उधर मुलायम और अमर के सामने एक ही रास्ता बचा है कि वो कांग्रेस के दरवाजे पर खडे होकर ये गीत गायें ‘‘मुझ को अपने गले लगालो ए मेरे हमराही तुमको क्या बतलाउ मै कि तुमसे कितना प्यार है‘‘ पश्चिम की शेरनी ममता अपनी जीत पर फूली नही समा रही है और इठला इठला कर कांग्रेस के साथ गा रही हैं ‘‘तुम आज मेरे संग हंस लो तुम आज मेरे संग गालो हंसते गाते इस जीवन की उलझी राह संभालों‘‘सबसे बुरा हाल तो अपने रामविलास भैया का है अपने दो चार चेलों के दम पर हर बार मंत्रीमंडल में षमिल होने वाले भाई जी अब चुपचाप अकेले अपने घर की ओर ये गाना गाते हुये जा रहे हैं ‘‘चल अकेला चल अकेला तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला‘‘ इन सबसे इतर मतदाता अपने बाजुओं को फडफडातें हुये गा रहा है ‘‘जो हमसे टकरायेगा चूर चूर हो जायेगा‘‘ बीच बीच में इन पालीटिकल पार्टियों को वो ये गाना भी सुना देता है ‘‘चाहे लाख करो चतुराई करम का लेख मिटे न रे भाई‘‘

3 comments:

  1. mulayam,lalau aur pasvan ke liye congresi ab ye bhi ga sakte hai ki-'mere angane mein tumhara kya kam hai.'

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  2. आजकल तो ये चल रहा है..."काहे को रोये....सफल होगी तेरी आराधना..."..

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  3. ब्लॉग की दुनिया में आपका हार्दिक अभिनन्दन
    अब तो ब्लॉग पर विस्तार से काम करना ज़रूरी हो गया
    है
    आपका फोन न मिलेगा 9926471072 पर भेज दीजिए

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